- गाडरवाड़ा सुपर थर्मल पावर स्टेशन को किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (KBL) की शक्ति
- सिंगा का 'फक्कर' फिल्म के लिए नया और दमदार लुक महाकुंभ यात्रा के दौरान फैंस को दंग कर दिया
- Singga’s Bold New Avatar for ‘Fakkar’ Leaves Fans in Awe During Mahakumbh Pilgrimage
- पुष्पा के को-डायरेक्टर पवन हुए कशिका कपूर की परफॉर्मेंस से प्रभावित, कहा – "वो कैमरे के सामने कमाल करती हैं, LYF के बाद बहुत बिजी हो जाएंगी"
- Pushpa Co-Director Pavan Impressed by Kashika Kapoor’s Performance in His Next Directorial ‘LYF’, Says She is an Amazing Performer and Does Wonders in Front of the Camera and she will get very busy after LYF release
रोज़ाना सूर्य को जल अर्पित करेंगे तो होंगे ये लाभ
डॉ श्रद्धा सोनी
रविवार का दिन सूर्यदेव का है जन्म कुंडली मे सूर्य नीच राशि मे या पाप प्रभाव मे हो या शत्रु क्षैत्री हो तो निम्न उपाय करे, सूर्य अगर मजबूत हो तो हमें मान- सम्मान, सुख-समृध्धि मिलती है पिता का संग और सहयोग मिलता है.
अगर सूर्य कमजोर हो तो पिता से नहीं बनेगी, सरकार से या सरकारी नौकरी में सस्पेंड होना या झूठे आरोप लगना मान सम्मान को ठेस पहुंचना आदि परेशानी रहेगी. सूर्य को बल देने के लिए चौकर वाले आटे कि रोटी खाएं, फल अधिक खाएं. गुड़ खाकर ऊपर से पानी पियें. रोज़ाना व्यायाम करें सूर्य को जल दें.
भगवान सूर्य जी का मंत्र :- ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
कमजोर सूर्य की निशानी
गुरु, देवता और पिता साथ छोड़ देते हैं.
राज्य की ओर से दंड मिलता है
नौकरी चली जाती है.
सोना खो जाता है या चोरी हो जाता है.
यदि घर पर या घर के आस-पास लाल गाय या भूरी भैंस है तो वह खो जाती है या मर जाती है.
यदि आपको अधिक आलस आता है तो सूर्य की स्थिति अशुभ हो सकती है
अगर आपके चेहरे पर तेज का अभाव है और आप हमेशा खुद को थका-थका महसूस करते हैं किसी काम को करने में आप आलस्य महसूस करते हैं
हृदय के आसपास कमजोरी का आभास होता है
सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आँख, हृदय का रोग हो सकता है
अहंकार इतना अधिक होना कि स्व,यं का नुकसान करते जाना,
पिता के घर से अलग होना,
कानूनी विवादों में फंसना और संपति विवाद होना,
अपने से बड़ों से विवाद
घर की पूर्व दिशा दूषित होने से.
भगवान विष्णु का अपमान.
पिता का सम्मान न करना.
देर से सोकर उठना.
रात्रि के कर्मकांड करना.
राजाज्ञा-न्याय का उल्लंघन करना.
-:-:-:-:-;-;-उपाय-:-:-:-:-:-:-:-
घर की पूर्व दिशा वास्तुशास्त्र अनुसार ठीक करें.
भगवान विष्णु की उपासना.
बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं.
सूर्य को अर्घ्य देना.
रविवार का व्रत रखना.
मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलें.
पिता का सम्मान करें. प्रतिदिन उनके चरण छुएं.
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
गायत्री मंत्र का जाप करें.
तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करें.
प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें.
तांबे के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करें. एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवनभर साथ रखें.
ॐ रं रवये नमः या ॐ घृणी सूर्याय नमः 108 बार (1 माला) जाप करें.
दिन (वार) रविवार को भगवान सूर्य को प्रात: ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़, और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए, एवं आदित्यहृदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए। रविवार को यदि संभव हो तो नमक ना खाएं रविवार को मीठा खाना श्रेयकर होता है ।
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
आज का दिन मंगलमय हो
आज का पंचाग रविवार
05 अगस्त 2018
विक्रम संवत् 2075
शक संवत – 1940
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
मास – श्रावण (सावन) माह
पक्ष – कृष्ण पक्ष
तिथि – अष्टमी – 11:20 तक तदुपरान्त नवमी ।
आज सावन मास का अष्टम दिवस शिव भक्ति कर शिवकृपा पाने का अनुठा अवसर है
तिथि का स्वामी – अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है । तथा नवमी तिथि की स्वामिनी दुर्गा जी है ।
अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव कहे गए है। अष्टमी तिथि को भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से समस्त सिद्धियां प्राप्त होती है , पूजा में उन्हें नारियल का भोग अर्पित करें अथवा शिवजी भगवान के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद में नारियल का उपयोग करें लेकिन अष्टमी को नारियल का सेवन ना करें ।
अष्टमी तिथि का नाम कलावती कहा गया है। मंगलवार को छोड़कर अष्टमी तिथि सभी प्रकार के कार्यो के शुभ है । अष्टमी तिथि में किसी भी प्रकार की ललित कला और विद्याएं सीखना अत्यन्त शुभ माना गया है।
नक्षत्र भरणी – 14:54 तक तदुपरान्त कृत्तिका ।
नक्षत्र के देवता,ग्रह स्वामी- भरणी नक्षत्र के देवता यमराज जी हैं एवं कृत्तिका नक्षत्र के देवता अग्नि देव हैं ।
योग- गण्ड – 11:22 तक तदुपरान्त वृद्धि ।
प्रथम करण : – कौलव – 11:20 तक ।
द्वितीय करण : – तैतिल – 22:43 तक ।
गुलिक काल : – अपराह्न – 3:00 से 4:30 तक ।
दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
राहुकाल -सायं – 4:30 से 6:00 तक ।
सूर्योदय -प्रातः 05:44 ।
सूर्यास्त – सायं 06:51 ।
विशेष – अष्टमी को नारियल नहीं खाना चाहिए (अष्टमी नारियल खाने से बुद्धि कमजोर होती है) ।
पर्व त्यौहार-
मुहूर्त – अष्टमी तिथि संग्राम, वास्तु, शिल्प, लेखन, स्त्री, रत्न धारण, आभूषण खरीदना ये सब अष्टमी को शुभ हैं।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण,आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।